Thursday, May 30, 2019

... दर्द भरी रात

यह बात गुरुवार 30 मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक का एग्जाम देकर लौटे थे उमस भरी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रहा था समय तो निकल गया और ड्यूटी का टाइम शुरू हो गया लेकिन एक कहानी मुझे जिंदगी भर रुलाती रही कि संघर्ष और जीवन में कितना अंतर है कैसी का कितना महत्व हम जानते हैं आज मुझे नींद लेने की बहुत जरूरत थी क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर के दौरान हम कोतवाली उरई और ट्रेन से कानपुर पहुंचे कानपुर स्टेशन पर रात्रि होने के कारण फर्श पर मैंने विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागे तो सुबह हो चुकी थी और चिड़िया अपना गीत गा रही थी मैं फिर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुआ मैं लगभग 40 50 हरजिंदर नगर पहुंचा जहां पर मेरा विद्या निकेतन इंटर कॉलेज में सेंटर था मुझे परीक्षा में 10:00 बजे से शामिल होना था पहले गया था लेकिन नींद मुझे वहां भी सता रही थी क्योंकि सफर में और उससे पहले भी सोया नहीं था अब ए जिंदगी तो नींद लेने की कह रही थी लेकिन सपनों का भारत या सपना का मेरा जीवन कैसा होगा मुझे नींद लेना नहीं दे रहा दरअसल हम 10:00 बजे वीडियो देखकर भी एग्जाम में बैठ गए एग्जाम दिया एग्जाम और स्थान रहा ठीक भी नहीं था अच्छा भी नहीं जाता कहा जा सकता था लेकिन एग्जाम से लौटने के बाद बस में जब ठीक दोपहर के 1:00 बज रहे होंगे वहां से सफर करते करते शाम 4:00 बजे तक हम वापस बुराई लौट चुकी थी वहां से हम यहां से दरोगा दामोदर सिंह के साथ हम कोच आ गए जहां पर रात्रि में मुझे ड्यूटी करनी थी लेकिन बिजली ने इतना परेशान किया कि मुझे गहरी नींद आने के बाद भी मैं सो नहीं पा रहा था पसीने से तरबतर था हर बार नींद लगती थी और बिजली अपना आंख में चोली का काम कर रही थी इस आंख में चोली मैं जो मैं परेशान हो रहा था और इस परेशानी के समय जब मैं लिख रहा हूं मुझे पता है कि जीवन का एक कष्ट है यह बात गुरुवार की मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक कभी जानते करते थे दुश्वारी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रा समय तो निकल गया और दीपिका ठानी शुरू हो गया लिखने कहानी मैसेज इन्हीं वह लाती रही कि संघर्षमय और जीवन में खान तरह पैसे का कितना मातरम जानते हैं कि आज मुझे नींद लेने की भागवत क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर की दौरान हम कोतवाली उरई और रांझे कानपुर पहुंच एकांकी स्टेशन पर रात्रि होने की कारण हर्षवर्धन विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागी तो स्वच्छ गीत और चिड़ि यह बात गुरुवार की मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक कभी जानते करते थे दुश्वारी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रा समय तो निकल गया और दीपिका ठानी शुरू हो गया लिखने कहानी मैसेज इन्हीं वह लाती रही कि संघर्षमय और जीवन में खान तरह पैसे का कितना मातरम जानते हैं कि आज मुझे नींद लेने की भागवत क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर की दौरान हम कोतवाली उरई और रांझे कानपुर पहुंच एकांकी स्टेशन पर रात्रि होने की कारण हर्षवर्धन विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागी तो स्वच्छ गीत और चिड़ियां अपना गीत गारी मैं सिर्फ अपने गंतव्य  यह बात गुरुवार की मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक कभी जानते करते थे दुश्वारी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रा समय तो निकल गया और दीपिका ठानी शुरू हो गया लिखने कहानी मैसेज इन्हीं वह लाती रही कि संघर्षमय और जीवन में खान तरह पैसे का कितना मातरम जानते हैं कि आज मुझे नींद लेने की भागवत क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर की दौरान हम कोतवाली उरई और रांझे कानपुर पहुंच एकांकी स्टेशन पर रात्रि होने की कारण हर्षवर्धन विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागी तो स्वच्छ गीत और चिड़ियां अपना गीत गारी मैं सिर्फ अपने गंतव्य के ही रवाना हुआ मैं लगभ यह बात गुरुवार की मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक कभी जानते करते थे दुश्वारी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रा समय तो निकल गया और दीपिका ठानी शुरू हो गया लिखने कहानी मैसेज इन्हीं वह लाती रही कि संघर्षमय और जीवन में खान तरह पैसे का कितना मातरम जानते हैं कि आज मुझे नींद लेने की भागवत क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर की दौरान हम कोतवाली उरई और रांझे कानपुर पहुंच एकांकी स्टेशन पर रात्रि होने की कारण हर्षवर्धन विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागी तो स्वच्छ गीत और चिड़ियां अपना गीत गारी मैं सिर्फ अपने गंतव्य के ही रवाना हुआ मैं लगभग 4 यह बात गुरुवार की मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक कभी जानते करते थे दुश्वारी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रा समय तो निकल गया और दीपिका ठानी शुरू हो गया लिखने कहानी मैसेज इन्हीं वह लाती रही कि संघर्षमय और जीवन में खान तरह पैसे का कितना मातरम जानते हैं कि आज मुझे नींद लेने की भागवत क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर की दौरान हम कोतवाली उरई और रांझे कानपुर पहुंच एकांकी स्टेशन पर रात्रि होने की कारण हर्षवर्धन विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागी तो स्वच्छ गीत और चिड़ियां अपना गीत गारी मैं सिर्फ अपने गंतव्य के ही रवाना हुआ मैं लगभग 40 50 मिनट बाद हरजिंदर नग यह बात गुरुवार की मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक कभी जानते करते थे दुश्वारी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रा समय तो निकल गया और दीपिका ठानी शुरू हो गया लिखने कहानी मैसेज इन्हीं वह लाती रही कि संघर्षमय और जीवन में खान तरह पैसे का कितना मातरम जानते हैं कि आज मुझे नींद लेने की भागवत क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर की दौरान हम कोतवाली उरई और रांझे कानपुर पहुंच एकांकी स्टेशन पर रात्रि होने की कारण हर्षवर्धन विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागी तो स्वच्छ गीत और चिड़ियां अपना गीत गारी मैं सिर्फ अपने गंतव्य के ही रवाना हुआ मैं लगभग 40 50 मिनट बाद हरजिंदर नगर पहुंचा जहां प यह बात गुरुवार की मई 2019 की है जब हम कानपुर से मंडी निरीक्षक कभी जानते करते थे दुश्वारी रात मुझे आज भी याद है कि मैं सो नहीं पा रा समय तो निकल गया और दीपिका ठानी शुरू हो गया लिखने कहानी मैसेज इन्हीं वह लाती रही कि संघर्षमय और जीवन में खान तरह पैसे का कितना मातरम जानते हैं कि आज मुझे नींद लेने की भागवत क्योंकि मैं 2 दिन से सोया नहीं 29 तारीख को सफर की दौरान हम कोतवाली उरई और रांझे कानपुर पहुंच एकांकी स्टेशन पर रात्रि होने की कारण हर्षवर्धन विश्राम की 2 घंटे बाद जब जागी तो स्वच्छ गीत और चिड़ियां अपना गीत गारी मैं सिर्फ अपने गंतव्य के ही रवाना हुआ मैं लगभग 40 50 मिनट बाद हरजिंदर नगर पहुंचा जहां पर मेरा विद्या निकेतन इंटर कालेज सेंटर था मुझे परीक्षा में 10:00 बजे से शाम लो ना था बस पहले गया था लेकिन नींद मुझे वहां विस्ता रही थी क्योंकि मिश्रा फार्म और उससे पहले ही सोया नहीं था अबे जिंदगी तू नींद लेने की कह रही थी लेकिन सपनों का भारत सपना का नीरज जीवन कैसा हो मुझे नींद लेना मेरा दरअसल हम 10:00 बजे वीडियो देखकर जी एग्जाम एग्जाम दज मराठी कवि सम्मेलन

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