शायद भूल गये राज ठाकरे ....एमएनएस ने दिखाया उत्तर भारतीयों को ठेंगा
राज ठाकरे शुरू से ही अपने चाचा बल ठाकरे की तरह ही मुंबई मानुस को आगे करने को लेकर अपनी पार्टी मनसे को आगे बढाया जो पहले उनके चाचा किया करते थे. आज बाल ठाकरे कर रहे है. जिस तरह से कुछ सीटे शिव सेना ने जीती थी. अब राज भी सत्ता मै आपनी भागीदारी करना चाहते है. इसमे नया कुछ भी नहीं है. मुंबई और ठाणे महानगर पालिका चुनाव को लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ( MNS ) की पहली लिस्ट में एक भी उत्तर भारतीय उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया है। जबकि मुंबई और ठाणे में MNS के कई उत्तर भारतीय कार्यकर्ताओं ने परीक्षा दी थी। मुंबई में तो 40-45 उत्तर भारतीयों ने इंटरव्यू भी दिया था। इससे सिद्ध होता है की राज ठाकरे उत्तर भारतीयों को आगे लाना नहीं चाहते है. ले किन वो भूल गये की सड़क किनारे दुकान लगाने से लेकर दूध पूरे मुंबई के घरो मै यही बिहारी या कहे की उत्तर भारतीय लोग ही करते है . हर छोटे से छोटा व्यवसाय एन गरीबो के दवारा संचालित किया जा रहा है . यदि ये लोग भाग आये तो मुबई को आसानी से कंपनी मै कम करने वाले नही मिलेगे. सारे उधोग धंधे ठप्प हो जायेगे. ४० प्रतिशत लोग जो इन्ही छोटी दुकानदारो पर आश्रित है उनको खाना भी मुस्किल से नसीब होगा. क्योकि के उत्तर भारतीय लोग मै मंथली टिफिन सेंटर से लेकर छोटे कामो मै व्यवस्त है. उन उधोगपतियो से पूछो जो कम रुपयों मै इन लोगो से आपने धंधे चला रहे है . सो राज ठाकरे जाग जाओ वर्ना नतीजा बुरा होगा. हिंदुस्तान सभी भारतीयों का है. आप किसी को रोक नहीं सकते. सभी को आपने तरह से जीविका कमाने का अधिकार है.
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